
देश भर में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीन देने का अभियान शुरू होगा (न्यूज़ 18 ग्राफिक्स)
बिहार स्वास्थ्य विभाग (Bihar Health Department) के एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार शाम से health.bih.nic.in वेबसाइट पर कोई भी सूचना अपलोड नहीं हो रही है और न ही कुछ अपडेट हो पा रहा है. हमें देखना होगा कि तकनीकी टीम कब तक वेबसाइट को दुरुस्त कर पाती है ताकि वैक्सीनेशन (Covid 19 Vaccine) अभियान पर कोई असर नहीं पड़ सके
- News18Hindi
- Last Updated:
January 13, 2021, 9:19 PM IST
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार शाम से वेबसाइट पर कोई भी सूचना अपलोड नहीं हो रही है और न ही कुछ अपडेट हो पा रहा है. हमें देखना होगा कि तकनीकी टीम कब तक वेबसाइट को दुरुस्त कर पाती है ताकि वैक्सीनेशन अभियान पर कोई असर नहीं पड़ सके.
दरअसल कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग अपनी वेबसाइट पर हर घंटे नई जानकारी अपडेट करता है जिसमें कोरोना के मामलों से लेकर टेस्टिंग का आंकड़ा, और अब वैक्सीनेशन सेंटर की जानकारी अपडेट की जा रही थी जिससे जिलों के सिविल सर्जन और अन्य विभागों को सहूलियत होती थी.

बिहार स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट बुधवार की शाम से ओपन नहीं हो रही है. इस वजह से लोगों को कोरोना वायरस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां और अपडेट नहीं मिल पा रही है
पटना में 16 जगहों पर बनाया गया है वैक्सीनेशन सेंटर
बता दें कि राजधानी पटना में 16 जगहों पर वैक्सीन लगाने की तैयारी की गई है. इसमें तीन मेडिकल कॉलेज और तीन प्राइवेट अस्पतालों को शामिल किया गया है. मेडिकल कॉलेजों में इंदिरा गांधी आयुर्वेदिक कॉलेज, नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (NMCH) और पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (PMCH) को शामिल किया गया है. जबकि प्राइवेट अस्पतालों में रुबन हॉस्पिटल, पारस हॉस्पिटल और अपोलो हॉस्पिटल के नाम शामिल हैं. अनुमंडल अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी वैक्सीन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. पटना जिला में वैक्सीन रखने की क्षमता 10 लाख 58 हजार 834 है.
पटना में पहले फेज के वैक्सीन के लिए 38,295 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इसमें से 21,899 सरकारी स्वास्थ्य कर्मी हैं जबकि 16 हजार से ज्यादा लोग प्राइवेट स्वास्थ्यकर्मी और आंगनबाड़ी के कर्मी हैं. इन सभी लोगों को मोबाइल के जरिए पहले मैसेज किया जाएगा. वैक्सीन सेंटर पर पहुंचने के बाद सभी को वैक्सीन देने के बाद आधा घंटा अलग से बिठाकर रखा जाएगा जहां उनकी स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग की जाएगी. इसके बाद ही उन्हें घर जाने की इजाजत होगी.